**** चाणक्य नीति आठवां अध्याय ****
नीच वर्ग के लोग दौलत चाहते है, मध्यम वर्ग के दौलत और इज्जत,
लेकिन उच्च वर्ग के लोग सम्मान चाहते है
क्यों की सम्मान ही उच्च लोगो की असली दौलत है.
दीपक अँधेरे का भक्षण करता है इसीलिए काला धुआ बनाता है.
इसी प्रकार हम जिस प्रकार का अन्न खाते है. माने सात्विक,
राजसिक, तामसिक उसी प्रकार के विचार उत्पन्न करते है.
Chanakya Neeti
हे विद्वान् पुरुष !
अपनी संपत्ति केवल पात्र को ही दे और दूसरो को कभी ना दे.
जो जल बादल को समुद्र देता है वह बड़ा मीठा होता है.
बादल वर्षा करके वह जल पृथ्वी के सभी चल अचल जीवो को देता है
और फिर उसे समुद्र को लौटा देता है.
Chanakya Neeti
विद्वान् लोग जो तत्त्व को जानने वाले है
उन्होंने कहा है की मास खाने वाले चांडालो
से हजार गुना नीच है. इसलिए ऐसे आदमी से नीच कोई नहीं.
Chanakya Neeti
शरीर पर मालिश करने के बाद,
स्मशान में चिता का धुआ शरीर पर आने के बाद,
सम्भोग करने के बाद, दाढ़ी बनाने के बाद जब तक
आदमी नहा ना ले वह चांडाल रहता है.
Chanakya Neeti
जल अपच की दवा है. जल चैतन्य निर्माण करता है,
यदि उसे भोजन पच जाने के बाद पीते है.
पानी को भोजन के बाद तुरंत पीना विष पिने के समान है.
Chanakya Neeti
यदि ज्ञान को उपयोग में ना लाया जाए तो वह खो जाता है.
आदमी यदि अज्ञानी है तो खो जाता है.
सेनापति के बिना सेना खो जाती है.
पति के बिना पत्नी खो जाती है.
Chanakya Neeti
वह आदमी अभागा है
जो अपने बुढ़ापे में पत्नी की मृत्यु देखता है.
वह भी अभागा है जो अपनी सम्पदा संबंधियों को सौप देता है.
वह भी अभागा है जो खाने के लिए दुसरो पर निर्भर है.
Chanakya Neeti
यह बाते बेकार है.
वेद मंत्रो का उच्चारण करना
लेकिन निहित यज्ञ कर्मो को ना करना.
यज्ञ करना लेकिन बाद में लोगो को दान
दे कर तृप्त ना करना. पूर्णता तो भक्ति से
ही आती है. भक्ति ही सभी सफलताओ का मूल है.
Chanakya Neeti
एक संयमित मन के समान कोई तप नहीं.
संतोष के समान कोई सुख नहीं.
लोभ के समान कोई रोग नहीं. दया के समान कोई गुण नहीं.
Chanakya Neeti
क्रोध साक्षात् यम है.
तृष्णा नरक की और ले जाने वाली वैतरणी है.
ज्ञान कामधेनु है. संतोष ही तो नंदनवन है.
Chanakya Neeti
नीति की उत्तमता ही व्यक्ति के सौंदर्य का गहना है.
उत्तम आचरण से व्यक्ति उत्तरोत्तर ऊँचे लोक में जाता है.
सफलता ही विद्या का आभूषण है. उचित विनियोग ही संपत्ति का गहना है.
Chanakya Neeti
निति भ्रष्ट होने से सुन्दरता का नाश होता है.
हीन आचरण से अच्छे कुल का नाश होता है.
पूर्णता न आने से विद्या का नाश होता है.
उचित विनियोग के बिना धन का नाश होता है.
Chanakya Neeti
जो जल धरती में समां गया वो शुद्ध है.
परिवार को समर्पित पत्नी शुद्ध है.
लोगो का कल्याण करने वाला राजा शुद्ध है.
वह ब्राह्मण शुद्ध है जो संतुष्ट है.
Chanakya Neeti
असंतुष्ट ब्राह्मण, संतुष्ट राजा,
लज्जा रखने वाली वेश्या, कठोर
आचरण करने वाली गृहिणी ये
सभी लोग विनाश को प्राप्त होते है.
Chanakya Neeti
क्या करना उचे कुल का यदि बुद्धिमत्ता ना हो.
एक नीच कुल में उत्पन्न होने वाले विद्वान्
व्यक्ति का सम्मान देवता भी करते है.
Chanakya Neeti
विद्वान् व्यक्ति लोगो से सम्मान पाता है.
विद्वान् उसकी विद्वत्ता के लिए हर जगह सम्मान पाता है.
यह बिलकुल सच है की विद्या हर जगह सम्मानित है.
Chanakya Neeti
जो लोग दिखने में सुन्दर है, जवान है,
ऊँचे कुल में पैदा हुए है, वो बेकार है
यदि उनके पास विद्या नहीं है.
वो तो पलाश के फूल के समान है
जो दिखते तो अच्छे है पर महकते नहीं.
Chanakya Neeti
यह धरती उन लोगो के भार से दबी जा रही है,
जो मास खाते है, दारू पीते है, बेवकूफ है,
वे सब तो आदमी होते हुए पशु ही है.
Chanakya Neeti
उस यज्ञ के समान कोई शत्रु नहीं जिसके
उपरांत लोगो को बड़े पैमाने पर भोजन ना कराया जाए.
ऐसा यज्ञ राज्यों को ख़तम कर देता है.
यदि पुरोहित यज्ञ में ठीक से उच्चारण ना करे तो यज्ञ उसे ख़तम कर देता है.
और यदि यजमान लोगो को दान एवं भेटवस्तू ना दे तो वह भी यज्ञ द्वारा ख़तम हो जाता है.
Chanakya Neeti in Hindi
Chanakya Neeti Hindi, Hindi Chanakya Neeti, Chanakya Hindi Quotes,Chanakya Quotes In Hindi,Chankya Quotes, Hindi Quotes.
Nice
ReplyDelete