Showing posts with label Biography on cotton plant in Hindi. Show all posts
Showing posts with label Biography on cotton plant in Hindi. Show all posts

Thursday, October 21, 2021

Biography on cotton plant in Hindi

 कपास 




मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से 


कपास चुनती हुई स्त्री 


मशीन से संस्कारित करने के पहले हाथ से बीज निकालते हुए (2010) 


विश्व के कपास उत्पादक क्षेत्र 


कपास एक नकदी फसल हैं।यह मालवेसी कुल का सदस्य है।संसार में इसकी 2 किस्म पाई जाती है। प्रथम को देशी कपास (गासिपियाम अर्बोरियाम)एवं (गा; हरबेरियम) के नाम से जाना तथा दूसरे को अमेरिकन कपास (गा, हिर्सूटम)एवम् (बरवेडेंस)के नाम से जाता है। इससे रुई तैयार की जाती हैं, जिसे सफेद सोना कहा जाता हैं | कपास के पौधे बहुवर्षीय ,झड़ीनुमा वृक्ष जैसे होते है।जिनकी लंबाई 2-7 फीट होती है। पुष्प, सफेद अथवा हल्के पीले रंग के होते है।कपास के फल बाल्स (balls) कहलाते है,जो चिकने व हरे पीले रंग के होते हैं इनके ऊपर ब्रैक्टियोल्स कांटो जैसी रचना होती है।फल के अन्दर बीज व कपास होती है। कपास की फसल उत्पादन के लिये काली मिट्टी की आवश्यकता पड़ती है।भारत में सबसे ज्यादा कपास उत्पादन गुजरात में होता है। कपास से निर्मित वस्त्र सूती वस्त्र कहलाते है। कपास मे मुख्य रूप से सेल्यूलोस होता है। 


कपास के प्रकार - 

  1. लम्बे रेशे वाली कपास. 
  2. मध्य रेशे वाली कपास. 
  3. छटे रेशे वाली कपास. 


कपासी एक गांठ का वजन 170 किलोग्राम केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान नागपुर महाराष्ट्र कपास विश्लेषण प्रयोगशाला मटुंगा महाराष्ट्र कपास का रेशा लेंट कहलाता है कपास का छोटा रे फज कहलाता है

कपास के बीजों में जहरीला पन गोशी पॉल के कारण होता है


कपास उत्पादन के लिए भौगोलिक कारक और जलवायु की दशाएं

  1. तापमान - 21 से 27 सें. ग्रे.
  2. वर्षा - 75 से 100 सें. मी.
  3. मिट्टी - काली
  4. भारत मे कपास मुख्यत रूप से महाराष्ट्र मे बोई जाती है।
  5. मध्यप्रदेश के पश्चिम निमाड़ क्षेत्र में भी कपास की खेती की जाती है

कपास उत्पादन का विश्व वितरण देश

  1. संयुक्त राज्य अमेरिका
  2. चीन
  3. भारत 

भारत (भारत की लगभग 9.4 मिलियन हेक्टेयर की भूमि पर कपास की खेती की जाती हैं। इसके प्रत्येक हेक्टेयर क्षेत्र में 2 मिलियन टन कपास के डंठल अपशिष्ट के रूप में विद्यमान रहते हैं। कपास का उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है जो ये दर्शाता है की भारतीयों का कपास से सूति वस्र बानाने का ज्ञान प्राचीन काल से ही है....।