#Bhagwat Geeta #Bhagwat Geeta
हैलो भाई लोग ,
केसे है आप लोग , आशा ओर दुवा करता हु की आप सब ठीक होंगे .........!
आपको पोस्ट के कुछ रहस्य बात बताना चाहते हे की जब अर्जुन ने अपने धर्म को भूलने लगे ओर मोह माया के चक्कर मे अपना धर्म को पालन करना भूल गए ओर अपना धनुष ओर बान नीचे रख दिए
तब श्री कृष्ण ने ये महत्वपूर्ण ग्रंथ श्रीमर्द भागवत गीता कही थी जो सबसे पहले सूर्य देवता को ये ज्ञान दिए थे ओर सूर्य देवता ने अपने पुत्र को दिए ओर सूर्य देव का पुत्र ने अपने पुत्र को ऐसे करके साधु ओर संत को ये ज्ञान प्राप्त हुआ जो हर मनुष्य ओर हर प्राणी को ये ज्ञान जरूरी हे !
आज जो हम पोस्ट करने वाले है वो बहुत इम्पॉर्टन्ट हे ओर बहुत महत्वपूर्ण हे जो आपके जीवन के कोई भी समस्या हो या कोई भी परेसानी हो वो सब का हाल भागवत गीता मे हे जो स्टेप बी स्टेप आपको पोस्ट करता रहूँगा जो आपको जीवन मे हर समस्या का हल मिल सके ओर कोई एसा समस्या नहीं हे जिसका हल भागवत गीत मे न हो ! अगर आपको पोस्ट पसंद आई तो पोस्ट को शेयर करे ओर न्यू पोस्ट के लिए फॉलो करे ,तो चलिए आज भागवत गीता के फर्स्ट चैप्टर यानि पहला अध्याय का पहला सलोक बताते हुए JayShreeKrishna
अथ प्रथमोऽध्यायः अर्जुनविषादयोग
दोनों सेनाओं के प्रधान शूरवीरों और अन्य महान वीरों का वर्णन
धृतराष्ट्र उवाच :
धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सवः ।
मामकाः पाण्डवाश्चैव किमकुर्वत संजय ॥1-1॥
भावार्थ : धृतराष्ट्र बोले- हे संजय! धर्मभूमि कुरुक्षेत्र में एकत्रित,
युद्ध की इच्छावाले मेरे और पाण्डु के पुत्रों ने क्या किया?॥1॥
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